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Agro Tourism से बनाएं गांव को कमाई का केंद्र, किसानों के लिए शानदार बिज़नेस आइडिया, कम इन्वेस्टमेंट में बड़ी कमाई का मौका

Agro Tourism: आज के दौर में किसान सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं है। अब वह एंटरप्रेन्योर बन चुका है, जो गांव में रहकर अपना खुद का साम्राज्य खड़ा करना चाहता है। अब वह बाहर जाकर नौकरी करने के बजाय गांव में रहकर खेती से जुड़े नए बिज़नेस को अपनाना चाहता है। इसी सोच का एक बेहतरीन उदाहरण है एग्रो टूरिज्म। यह न सिर्फ कमाई का जरिया है बल्कि गांव और उसकी संस्कृति को भी प्रमोट करने का शानदार माध्यम बनता जा रहा है।

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एग्रो टूरिज्म क्या है और इसकी जरूरत क्यों

एग्रो टूरिज्म का मतलब है अपने खेत या फार्म हाउस को एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करना, जहां शहरों से लोग आकर देसी खाना खाएं, मिट्टी के चूल्हे पर बनी रोटियों का स्वाद लें, ट्रैक्टर की सवारी करें और गांव की पारंपरिक गतिविधियों में भाग लें। ये न सिर्फ टूरिस्ट्स के लिए नया अनुभव है बल्कि गांव वालों के लिए कमाई का नया रास्ता भी है।

एग्रो टूरिज्म शुरू करने के लिए जरूरी सेटअप

अगर आप शुरुआती स्तर पर एग्रो टूरिज्म शुरू करना चाहते हैं, तो लगभग ₹1.5 लाख के निवेश में टेंट, देसी किचन, साफ-सुथरे टॉयलेट, बैठने का स्थान और कुछ एक्टिविटीज जैसे ट्रैक्टर राइड, मिट्टी का चूल्हा, कबड्डी प्रतियोगिता आदि की व्यवस्था की जा सकती है। इस सेटअप से आपका फार्म एक आकर्षक पर्यटन स्थल बन सकता है।

कितनी होगी कमाई और कैसे बढ़ाएं प्रॉफिट

अगर आपके फार्म पर रोज़ाना 10 लोग भी आते हैं और प्रति व्यक्ति ₹200 की एंट्री फीस है, तो ₹2000 प्रतिदिन की कमाई सिर्फ एंट्री से हो सकती है। देसी भोजन के लिए ₹250 प्रति व्यक्ति चार्ज करें, तो ₹2500 और अगर स्टे भी ऑफर किया जाए तो ₹3000 अतिरिक्त कमाई संभव है। इस तरह प्रतिदिन ₹7000 से ₹10,000 की आमदनी हो सकती है।

जरूरी लाइसेंस और सरकारी योजनाएं

इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए आपको एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, एफएसएसएआई लाइसेंस (खाद्य सेवा के लिए) और स्थानीय पंचायत से एनओसी की आवश्यकता होगी। खास बात यह है कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में एनएबीएआरडी या पीएमईजीपी जैसी सरकारी योजनाओं के तहत आपको सब्सिडी भी मिल सकती है।

मार्केटिंग के बिना नहीं चलेगा बिज़नेस

किसी भी बिज़नेस की सफलता उसकी मार्केटिंग पर निर्भर करती है। आपको सोशल मीडिया जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक पर अपने फार्म की रील्स बनानी होंगी, Google पर अपने फार्म की लिस्टिंग करनी होगी और स्कूल-कॉलेज्स से टूर की बुकिंग लेनी होगी। थोड़ी बहुत डिजिटल ऐड चलाकर भी आप अधिक लोगों तक पहुंच सकते हैं।

सीखते रहें, आगे बढ़ते रहें

अगर आप सोशल मीडिया मार्केटिंग और बिज़नेस प्रमोशन सीखना चाहते हैं तो ‘बॉस वाला ऐप’ आपके लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म है। यहां आपको स्टेप-बाय-स्टेप गाइड मिलेगा कि कैसे एक छोटे से आइडिया को ब्रांड में बदल सकते हैं। मेरे बनाए पॉडकास्ट और वीडियो भी आपको इसके लिए ज़रूर देखने चाहिए, जिनमें डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट्स की सलाहें भी शामिल हैं।

अब वक्त है गांव को बदलने का

आज का किसान सिर्फ अनाज नहीं उगाता, वह अवसर भी पैदा करता है। एग्रो टूरिज्म किसानों के लिए न सिर्फ अतिरिक्त आमदनी का साधन है, बल्कि ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता की ओर एक ठोस कदम भी है। तो अब वक्त है कि गांव से बाहर जाने की बजाय, गांव को ही दुनिया के सामने लाया जाए।

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HindiYukti एक फाइनेंसियल और टेक ब्लॉग है जहां पर हिंदी में टेक्नोलॉजी, पैसे कमाने के तरीके, शेयर मार्किट, फाइनेंस और लोन्स के बारे में जानकारियां शेयर की जाती हैं.

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